गर्मी से दिलाए राहत,जलन में रामबाण:
अगर आपके हाथ-पैरों में जलन की समस्या हो तो 2 चम्मच कतीरा को रात को सोने से पहले 1 गिलास पानी में भिगों दें। सुबह कतीरा फूल जाए तो इसे शक्कर मिलाकर खाएं। रोजाना ऐसा करने से फायदा मिलेगा। कतीरा लू और हीट स्ट्रोक से भी बचाता है। शरीर में गर्मी महसूस हो रही हो तो कतीरा को पानी में भिगो लें और इस पानी में और मिश्री मिलाएं। शर्बत के साथ कतीरा घोटकर सुबह-शाम लें। इससे शरीर की गर्मी दूर होती है।
रक्त की समस्याओं से दिलाए निजात:
गोंद कतीरा में प्रोटीन और फॉलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।शरीर के खून को गाढ़ा करता है। 10 से 20 ग्राम गोंद कतीरा पानी में भिगो कर रख दें और सुबह उसी पानी में मिश्री मिलाकर शर्बत बनाकर पिएं। इस शर्बत से रक्त प्रदर की समस्या भी दूर होती है।
कमजोरी करे दूर:
कतीरा रोजाना दूध के साथ लेने से थकान, कमजोरी, चक्कर उल्टी और माइग्रेन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।आधा ग्लास दूध में गोंद कतीरा कूटकर डालें साथ में मिश्री घोलें। इसे पीने से पित्ती में भी राहत मिलती है।
महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद:
महिलाओं में मासिकधर्म में अनियमतिता के चलते अक्सर फॉलिक एसिड या खून की कमी हो जाती है।इसके अलावा बच्चा होने के बाद की कमजोरी,माहवारी की गड़बड़ी या ल्यूकोरिया जैसी समस्याओं में भी ये फायदेमंद होता है। गोंद कतीरा और मिश्री को साथ में पीस लें, फिर इसे दो चम्मच कच्चे दूध में मिलाकर खाएं। वहीं गोंद के लड्डू भी बेहद फायदेमंद होते हैं।
पसीने की समस्या से निजात:
जिन लोगों को बहुत पसीना आता है, वे भी गोंद कतीरा का नियमित सेवन कर सकते हैं।उन्हें इस समस्या से निजात मिलेगी।
दर्दनाक टान्सिल में राहत:
अगर आप भी दर्दनाक टांन्सिल की समस्या से परेशान रहते हैं तो गोंद कतीरा का इस्तेमाल आजमा सकते हैं। इसके लिए 2 भाग कतीरा और 2 भाग नानख्वा को बारीक पीस लें। अब इसे धनिया के पत्तों के रस में मिलाकर रोजाना गले पर लेप लगाएं, आराम मिलेगा। इसके अलावा लगभग 10 से 20 ग्राम कतीरा को पानी में भिगोकर फुला लें और फिर इसे मिश्री मिले शर्बत में मिलाकर सुबह-शाम पिएं इससे गले में खराश सहित सभी रोगों में फायदा मिलेगा।
मूत्ररोग में फायदा:
मूत्ररोगों में भी गोंद कतीरा फायदेमंद है। 10 ग्राम से 20 ग्राम गोंद कतीरा फुलाकर इसे मिश्री के साथ घोंटे और शर्बत बनाकर पिएं।
माइग्रेन में लाभकारी:
4 ग्राम मेहंदी के फूल और 3 ग्राम कतीरा मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दें। इसे रात में भिगोएं और सुबह मिश्री के साथ मिलाकर पिएं,सिरदर्द,माइग्रेन से छुटकारा मिलने के साथ ये बाल झड़ना भी कम करेगा।
स्वप्नदोष:
स्वप्नदोष की समस्या है तो रात में एक कप पानी में 6 ग्राम गोंद कतीरा भिगो दें। सुबह ये फूल जाए तो इसमें 12 ग्राम मिश्री मिलाकर खाएं।कुछ ही दिनों में आपको इसका लाभ महसूस होगा।
गर्मियों के मौसम में स्वास्थ सम्बन्धी दिक्कतें उत्पन हो जाती हैं। पसीना, डिहाइड्रेशन, ऊर्जा में कमी और शरीर का सुस्त होना कुछ आम लक्षण हैं। लेकिन अगर आप अपने स्वास्थ पे थोड़ा ध्यान देंगे और अपने खान-पीन में कुछ बदलाव लाते हैं तो इन् सब दिक्कतों से छुटकारा पाया जा सकता है। आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी तरीके जिनसे आप गर्मियों में भी रह सकते हैं चुस्त दुरुस्त और स्वस्थ।
डाइट में बदलाव
खूब पानी पिएं
गर्मी के मौसम में पानी खूब पीना चाहिए क्योंकि हमारे शरीर में हर घंटे पानी की कमी हो जाती है। पानी शरीर को हाइड्रेट करता है। गर्मी के मौसम में हर दिन 8 से 10 गिलास (कम से कम 3 लीटर) पानी पीना चाहिए।
मौसम के अनुसार फलों के रस का सेवन करे
गर्मियों के मौसम में फलों के रस का सेवन करना बहुत ही लाभदायक होता है। अनार, अंगूर, मुसम्मी, अनानास, तरबूज जैसे फलों में पोषक पदार्थ पाए जाते हैं। इसके अलावा गाजर, चुकंदर, लौकी और दूसरी सब्जियों का जूस भी पिया जा सकता है।
सलाद खाना न भूलें
गर्मियों में सलाद का सेवन करना चाहिए। खीरा, ककड़ी, गाजर, प्याज, नींबू का सेवन करना स्वास्थ्यवर्धक होता है। सोयाबीन, अंकुरित, अनाज, पनीर, लस्सी का सेवन करना भी काफी स्वास्थ्यवर्धक होता है।
अधिक मसाले वाले भोजन से बचे
गर्मी के मौसम में वैसे ही शरीर में काफी गर्मी होती है। यदि आप अधिक मसाले वाला भोजन करेंगे तो आपके शरीर में और गर्मी बढ़ेगी। इसलिए हल्के तेल मसाले वाला भोजन करना चाहिए।
खाने का रूटीन बनाएं
सुबह उठने के एक-डेढ घंटे के भीतर कुछ न कुछ अवश्य खा लें। देर तक बिना खाए रहने से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। थोडी-थोडी देर में खाने से ओवरईटिंग से भी बचा जा सकता है। बेहतर होगा कि दिन की शुरुआत हलके गुनगुने पानी में नीबू और शहद के साथ करें।
Exercise या व्यायाम
खेले अपना मनपसंद खेल
गर्मियों के मौसम में आप अपने मनपसंद खेल जैसे फुटबॉल, टेनिस, क्रिकेट और दूसरे खेल, खेल सकते हैं। इससे बाहर आपको हवा भी मिल जाएगी और आपके शरीर का व्यायाम भी हो जाएगा। गर्मी के मौसम में साइकिलिंग करना एक अच्छा विकल्प है।
सुबह शाम टहलें
गर्मी के मौसम में सुबह-सुबह टहलने के लिए जाना चाहिए। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है। ठंडी हवा लगती है और थोड़ा व्यायाम भी हो जाता है। यदि आप योग को इसमें शामिल करें तो बात बन जाये। योगा करने से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहता है। गर्मी के मौसम में सुबह जल्दी उठकर योगा करना भी बहुत लाभकारी होता है। पर ध्यान रहे की गर्मियों में हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सुबह जल्दी और देर शाम की वॉक करना बेहतर है।
कुछ टिप्स जो गर्मी में बच्चे-बूढ़े सबको ध्यान रखने चाहिए
फ्रिज का पानी पीने से बचे। घर में मिटटी का घड़ा लाएं और उसका पानी पिएं।
मीठा कम से कम खाएं क्यूंकि अधिक मात्रा में मीठा भी डिहाइड्रेशन का कारन बनता है।
जंक फ़ूड से दूर रहे और घर का बना ताज़ा और पौष्टिक भोजन खाएं।
इन् सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए गर्मी के मौसम को खूब एन्जॉय करें।
किसी भी रोग सम्बन्धी सलाह के लिए संपर्क करें : श्री आदित्य आयुर्वेदा, सानीपुर रोड, सरहिंद।
बदहज़मी या अपच एक ऐसी स्तिथि है जो न केवल इंसान के स्वास्थय को खराब करती है बल्कि साथ में बहुत सारी बीमारियों को भी आमंत्रण देती है। आज कल इंसान अपने जीवन की भाग दौड़ में इतना व्यस्त है की अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ करना एक आम चलन हो गया है। बदहज़मी, जिसे आप खान पीन में हुई अनदेखी समझ जाते हैं, अपने साथ और बहुत चीज़ें लेकर आती है। यह संकेत है की आपको अब अपनी सेहत पे भरपूर ध्यान देने की ज़रूरत है। जल्दबाज़ी में खाना, समय पर न खाना, बाहर के खाने का सेवन ज़ादा करना या खाने को अधिक मसालेदार बनाना आपको बदहज़मी कर सकता है। आयुर्वेद में ऐसे बहुत से नुस्खे हैं जिनसे आप बदहज़मी से बच सकते है। आज हम आपको उन् सब नुस्खों से अवगत करवाएंगे।
बदहजमी के आयुर्वेदिक घरेलू इलाज
1. दो छोटा चम्मच अदरक और एक निम्बू का रस एक गिलास में मिलाएं। उसमें अपनी आवश्यकता अनुसार सेंधा नमक डाले और इस मिश्रण को पीलें। यह पेट की बीमारी और बदहजमी के लिए एक अच्छा उपाय है|
2. यदि आप गैस की समस्या से परेशान है तो उबला हुआ लोंग का पानी पिए इसे आपकी गैस की समस्या में राहत मिलेगी।
3. यदि आपको भोजन करने के बाद गैस या बदहज़मी की शिकायत होती है तो अजवाइन का पानी उबाल कर पिएं। आपको बहुत आराम मिलेगा।
4. यदि पेट फूलने या भरा भरा होने की समस्या है तो सौफ का प्रयोग लाभदायक है। सौफ के दाने चबा भी सकते है, चाय बनाकर पी भी सकते है या फिर काढ़ा बनाकर भी प्रयोग कर सकते है|
5. दिन में 2 से 3 बार हर्बल चाय का प्रयोग करे पाचनक्रिया अच्छी होगी| आप वैद शिव कुमार जी द्वारा बनाई 100% आर्गेनिक चाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बदहज़मी में बहुत कारगर साबित होती है।
6. भारतीय घरो में तुलसी के बारे में तो सब जानते हैं। उसकी चाय भी दिन में आवश्यता अनुसार प्रयोग कर सकते है जो लगभग सभी रोगों से छुटकारा दिलाने में मददगार है।
क्या न करें
बहुत ज़ादा मात्रा में भोजन ना खाएं। यदि ज़रूरत हो तो आप थोड़े थोड़े समय में थोड़ा थोड़ा भोजन खा सकते हैं
मानसिक रूप से तनाव मुक्त रहें, कोशिश करें के क्रोध न करें।
खाने को जल्दबाज़ी में ना खाएं ।
तले हुए और मसालेदार पदार्थो का खाने में प्रयोग ना करें।
क्या करें
खाना खाने के बाद कुछ कदम चलें।
नियमित रूप से सुबह शाम व्यायाम करे और अपनी दिनचर्या बनाए।
कोशिश करें हमेशा घर का बना साधारण भोजन खाएं।
दिन में कम से कम एक कप हर्बल चाय का सेवन ज़रूर करें।
किसी भी रोग सम्बन्धी सलाह के लिए संपर्क करें : श्री आदित्य आयुर्वेदा, सानीपुर रोड, सरहिंद।
थायराइड (Thyroid) आज के ज़माने की बहुत आम बीमारी है। अधिकतर महिलायें इससे झुझती है। लेकिन स्तिथि यह है की बेहतर उपचार न मिलने के कारण कुछ लोग उम्र भर इसकी गोली प्रतिदिन कहतें है। असल में थइराइड है क्या? और इसके लक्षण क्या हैं? आइए जानते है।
थायराइड क्या है ?
थायराइड वो स्तिथि है जिसमे थइराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हॉर्मोन का निर्माण नहीं करती। यह हॉर्मोन शरीर के काफी गतिविधियों को मॉनिटर करता ह। इसी वजह से शरीर में अन्य परेशानिया उत्पन होती हैं और ताकत में बेहद कमी आ जाती है।
थायराइड के कारण
थायराइड होने के कई कारण हो सकते है। आइए कुछ कारणों के बारे में विस्तार से जाने।
1. आयोडीन की कमी
थायराइड की समस्या मुख्य रूप से शरीर में आयोडीन की कमी की वजह से होती है। इसीलिए डॉक्टर भी भोजन में ऐसे नमक का सेवन करना चाहिए, जो आयोडीन से भरपूर हो। सेंधा नमक एक उपयुक्त विकल्प है। 2. बच्चे के जनम के बाद
कई बार ऐसा देखा गया है कि थायराइड उन महिलाओं को भी हो जाता है, जिन्होंने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया हो।
हालांकि, यह समस्या कुछ समय के बाद स्वयं ही ठीक हो जाती है, लेकिन यदि थायराइड लंबे समय बनता हो, तो उस स्थिति में उस महिला को अपना सही से इलाज कराना चाहिए। 3. डिप्रेशन और तनाव का होना
थायराइड उन लोगों में होने की संभावना अधिक रहती है, जो अत्याधिक तनाव लेते हैं। अगर सही समय पर स्ट्रेस कण्ट्रोल ना किया जाये तोह इससे और भी बहुत तकलीफें पैदा ही सकती है। 4. उच्च रक्तचाप
यदि किसी व्यक्ति को उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो उसे थायराइड होने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे व्यक्ति को अपने रक्तचाप का इलाज सही तरीके से कराना चाहिए ताकि उसे स्वास्थ संबंधी अन्य समस्या न हो।
थायराइड के लक्षण
इस बीमारी को पहचानने के लिए कई लक्षण हैं जिनका होना इस बात की पुष्टि करता हैं की आपको थायराइड हो सकता है। अगर आप नीचे लिखे लक्षणों को महसूस कर रहे हैं तो तुरंत अपना थायराइड टेस्ट कराए।
वजन का तेज़ी से घटना या बढ़ना
थायराइड ग्लैंड के आकार में बढ़ोतरी होना
मासपेशियो का कमजोर होना
हर वक़्त थकान रहना
महिलाओं में मासिक धरम का अनियमित होना
तनाव, डिप्रेशन जैसी भावनाओ का उत्पन होना
अगर आपको यह सब या इन् में से कोई ३ लक्षण भी महसूस हो तो आप तुरंत अपना थायराइड टेस्ट कराएं ताँके आपका इलाज समय पर हो पाए।
थायराइड का इलाज
इलाज के लिए मेडिकल साइंस ने कई विकल्प खोज निकले है। कुछ मामलों में दवाई से तोह कुछ में ऑपरेशन के माध्यम से थायराइड का इलाज किया जाता है। पर ध्यान देने वाली बात यह हैं की इनसे शरीर को और कई साइड इफेक्ट्स का सामना करना पद सकता है। वहीं दूसरी और, आयुर्वेद से आप न सिर्फ इस बीमारी को जड़ से मिटा सकते हैं बल्कि आप यह आश्वासन भी रखिये की आपके शरीर को किसी भी प्रकार का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होगा। ना तो आपको जीवन भर एक गोली के सहारे जीना होगा और ना ही सर्जरी जैसे किसी द्र देने वाले अनुभव से गुज़ारना होग। वैद शिव कुमार, पंजाब के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं जो इस अप्रिय बीमारी का इलाज बेहद आसान और पूर्णतः प्राकृतिक तरीको से करते है। उनके इलाज द्वारा अभी तक थायराइड के लाखों मरीज स्वस्थ हुए हैं। आयुर्वेद आपको न सिर्फ एक बीमारी से लड़ने में मदद करता हैं बल्कि आपके शरीर को और बहुत सरे फायदे देता हैं जो हैरान कर देने लायक हैं।
अगर आप भी अपनी काया को निरोगी बनाना चाहते हैं, तो आज ही संपर्क करें: