हमारे देश में चाय पीने का चलन अंग्रेजों के शासनकाल से चला है। अंग्रेजों से पहले भारत देश में लोग चाय का सेवन नहीं करते थे क्यों कि भारत के पास अमृत तुलय पेय पदार्थ दूध, छाछ,मठ्ठा, शरबत, दहीं , शरदई, शिकंजवी , गन्ने का रस न जाने कितने अमृत के समान पीने योग्य पदार्थ होते थे परन्तु अंग्रेजों ने भारत में चाय की ऐसी चाल चली के अंग्रेज तो भारत छोड़ गए मगर उनकी दी हुई चाय की आदत अब तक हमारे देश में पैर पसारे हुए है। चाय अगर पी ही ली और उसका कोई नुक्सान न होता तो भी ठीक था परन्तु चाय हमारे शरीर में तेज़ाब पैदा करती है और यह तेज़ाब (अमलपित्त) न जाने कितनी बीमारियों को पैदा करता है।
- सीने में जलन
- आँखों में जलन
- ज्यादा तेज़ाब बनना
- भूख का न लगना
- खाने का मन न करना
- यूरिक एसिड बढ़ना
- पेशाब में जलन
- गर्मी का बढ़ना
- फैट बढ़ना
- ब्लड प्रैशर बढ़ना
- डी-हाईडरेशन होना
- खून का तेजाबी होना इत्यादि
न जाने कितने और रोगों को उत्पन्न करती है। जैसे ऊपर लिखा है की पहले लोग दूध , दहीं , लस्सी इत्यादि का सेवन करते थे।
तो उसी तरह हमारे घरों में क्वाथ (काढ़ा) पीने का भी प्रचलन था जो पूरी तरह आयुर्वेद पर निर्धारित होते थे। उनकी जानकारी हमारे घर की माताओं को स्वाभाविक रूप से ही बड़े बजुर्गों से मिल जाती थी भले ही वह अनपढ़ होती थी परन्तु घरेलु उपचार के रूप में आयुर्वेद के अनेकों नुस्खे वह प्रयोग करती थी
- जैसे खांसी के लिए सौंफ , मुलेठी और तुलसी का काढ़ा
- हाजमे के लिए अजवाइन और सौंफ को उबाल कर पीना
- भूख की कमी के लिए जीरा और पुदीना
- पेट साफ़ करने के लिए हरड़ का चूरन इत्यादि
घरेलु उपचार छोटी बड़ी बीमारियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होते थे परन्तु अंग्रेजी शासनकाल में अंग्रेजी औषधियों के चलन को बढ़ाने के लिए इन घरेलु उपचारों को जो अत्यधिक वैज्ञानिक थे, अनपढ़ लोगों के उपचार कहकर नकारात्मक सोच फैलाई गई। आज अंग्रेजी औषधियों का दुष्प्रभाव सबके सामने है।
हमारी पूरी टीम ने कोशिश की है की भारतवासी फिर से आयुर्वेद के साथ जुड़ें और स्वस्थ जीवन अपनाएं। उसी कोशिश के तहत “आदित्य हर्बल टी” आपके जीवन में तंदरुस्ती और जोश भरेगी और इसमें बहुत ही उत्तम दर्जे की औषधियों का प्रयोग किया गया है जिससे
- सीने में जलन
- आँखों में जलन
- ज्यादा तेज़ाब बनना
- भूख का न लगना
- खाने का मन न करना
- यूरिक एसिड बढ़ना
- पेशाब में जलन
- गर्मी का बढ़ना
- फैट बढ़ना
- ब्लड प्रैशर बढ़ना
- डी-हाईडरेशन होना
- खून का तेजाबी होना इत्यादि
बीमारियों से छुटकारा मिलता है, और हमने आपके स्वाद को भी बहुत धयान में रखा है “आदित्य हर्बल टी” का स्वाद आपको बेहद पसंद आएगा , जब आप इसको अपने किचन में बनाएंगे तो आपका पूरा घर एक बहुत ही प्यारी दिव्य खुशबू से महक उठेगा , एक बार अवश्य प्रयोग करें “आदित्य हर्बल टी”